बस्ती । वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति और प्रेमचन्द साहित्य एवं जन कल्याण द्वारा गुरूवार को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जयन्ती अवसर पर आजाद हिन्द फौज के सेनानी रामू उपाध्याय को याद किया गया।
समिति के महासचिव श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि नेताजी ने देश की गुलामी को निकट से महसूस किया और विश्व भ्रमण कर आजादी के संघर्ष के लिये जो वातावरण सृजन किया संसार में ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। कहा कि ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ के आवाहन पर सैकड़ो लोग एकत्र हो गये। बस्ती जनपद के फेटवा निवासी रामू उपाध्याय इसी संकल्प को लेकर नेताजी से जुडे। संयोग ही है कि दोनों महापुरूषों की जयंती एक ही दिन है। रामू उपाध्याय के प्रिय अमेरिका से आये डा. श्याम प्रभात शर्मा ने कहा कि उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण था, वे आखिरी सांस तक सक्रिय रहे।
वरिष्ठ साहित्यकार भद्रसेन सिंह बंधु, सत्येन्द्रनाथ मतवाला, पं. चन्द्रबली मिश्र, जगदीश प्रसाद, ओम प्रकाश नाथ मिश्र, मो. वसीम अंसारी आदि ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज के सेनानी रामू उपाध्याय के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि नेता जी यदि चाहते तो वैभवपूर्ण जीवन जी सकते थे किन्तु आईसीएएस त्याग कर उन्हें देश को आजाद कराने का मार्ग चुना और दुनियां के अनेक देश में अलख जगाया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल जगमग के संचालन में परमात्मा प्रसाद निर्दोष, रामचन्द्र राजा, परमात्मा प्रसाद निर्दोष, सागर गोरखपुरी, अजमत अली सिद्दीकी, डा. राममूर्ति चौधरी आदि ने कविताओं के माध्यम से नेता जी को नमन् किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विनय कुमार श्रीवास्तव, जगदीश प्रसाद पाण्डेय, शव्वीर अहमद, दीनानाथ यादव, परशुराम शुक्ल, जगदीश, बाल कृष्ण चौधरी, सुमेश्वर यादव, रामदत्त जोशी के साथ ही अनेक वरिष्ठ जन शामिल रहे।
> आजाद हिंद फौज के सेनानी रामू उपाध्याय को याद किया गया