लखनऊ, ।(आरएनएस ) उ.प्र. विधानभवन के सभा मंडप में गुरूवार को राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सम्मेलन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। एकता में अनेकता ही भारत की विशेषता है। सीपीए ने लोकतंत्र को सुसाध्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाये रखने की जिम्मेदारी हमें सौंपी है, इसलिए हमे अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। सरकार तभी काम कर सकती है, जब सदन बाधित न हो, इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ देना चाहती है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले सदन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 150वें जन्मदिवस पर 36 घंटे चला, जिसका हमंे उन योजनाओं को पूरा करने का लाभ मिला। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीपीए के सभी सदस्यों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विधान सभा से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व धन्यवाद व्यक्त करता हूँ। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लोकतंत्र आमजन की खुशहाली के लिए है। एकता-विविधता को देश के लोकतंत्र ने सहजता से अपना लिया है। तमाम चुनौतियां हैं, जिनका समाधान ऐसे सम्मेलन से निकलेगा। भारत का संविधान राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलनों से ही ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। सरकार तभी काम कर सकती है जब सदन बाधित न हो, इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।
भारत के मूल में हैं लोकतंत्र का मूलमंत्र: योगी आदित्यनाथ